अ़र्शे हक़ है मस्नदे रिफ़अत रसूलुल्लाह की
अ़र्शे हक़ है मस्नदे रिफ़अत रसूलुल्लाह की अ़र्शे ह़क़ है मस्नदे रिफ़अ़त रसूलुल्लाह की देखनी है ह़श्र में इ़ज़्ज़त रसूलुल्लाह की क़ब्र में लहराएंग...
अ़र्शे हक़ है मस्नदे रिफ़अत रसूलुल्लाह की अ़र्शे ह़क़ है मस्नदे रिफ़अ़त रसूलुल्लाह की देखनी है ह़श्र में इ़ज़्ज़त रसूलुल्लाह की क़ब्र में लहराएंग...
आंखें रो रो के सुजाने वाले आंखें रो रो के सुजाने वाले जाने वाले नहीं आने वाले कोई दिन में यह सरा ऊजड़ है अरे ओ छाउनी छाने वाले ज़ब्ह़ होते हैं...
हाजियो ! आओ शहंशाह का रौज़ा देखो का’बा तो देख चुके का’बे का का’बा देखो रुक्ने शामी से मिटी वहशते शामे गुरबत अब मदीने को चलो सुब्हे दिलआरा दे...
सरवर कहूं के मालिको मौला कहूं तुझे सरवर कहूं कि मालिको मौला कहूं तुझे बाग़े ख़लील का गुले ज़ैबा कहूं तुझे ह़िरमां नसीब हूं तुझे उम्मीदे गह कहूं...
चमक तुझ से पाते हैं सब पाने वाले चमक तुझसे पाते हैं सब पाने वाले मेरा दिल भी चमका दे चमकाने वाले बरसता नहीं देख कर अबरे रहमत बदों पर भी बरसा...
पुल से उतारो राह गुज़र को ख़बर न हो जिब्रील पर बिछाएं तो पर को ख़बर न हो कांटा मेरे जिगर से ग़मे रोज़गार का यूं खींच लीजिये कि जिगर को ख़बर न हो फ़...
उनकी महक ने दिल के गुन्चे खिला दिये हैं जिस राह चल दिये हैं कूचे बसा दिये हैं जब आ गई हैं जोशे रहमत पे उनकी आंखें जलते बुझा दिये हैं रोते हस...